उद्योगपति शरद सांघी का निधन, देश में टाटा मोटर्स की पहली डीलरशिप इनकी, शोरूम खुलवाने आए थे रतन टाटा

इंदौर. शहर के प्रतिष्ठित उद्योगपति शरद सांघी का लंबी बीमारी के बाद शुक्रवार को निधन हो गया। उनकी उम्र 77 वर्ष थी। वे पिछले 6 महीने से दिल की बीमारी और अस्थमा से ग्रस्त थें। करीब एक सप्ताह तक बांबे हॉस्पिटल में भर्ती होने के पहले वे दो माह तक मुंबई में भी इलाज करवा चुके थे। टाटा मोटर्स की देश की पहली डीलरशिप सांघी ब्रदर्स उन्हीं की थी। प्रदेश के कई शहरों में उनके शोरूम है। उनके परिवार में पत्नी गीता सहित तीन बेटियां रागिनी, प्रिया और ज्योत्सना हैं। तीनों बेटियां उनका व्यापार संभालती हैं।


स्मृति शेष : विंटेज कारों के शौकीन थे सांघी


आटोमोबाइल जगत में शरद सांघी जी देशभर में जाना-माना नाम थे। उनके पिता सोहनलाल सांघी ने 1950 में टाटा मोटर्स की डीलरशिप ली थी जो देश की सबसे पहली डीलरशिप थी। पिता द्वारा शुरू किए गए व्यवसाय को उन्होंने नई ऊंचाइयां दीं। शरदजी उन चुनिंदा शख्सियतों में से एक थे जिनके रतन टाटा से मित्रवत संबंध थे। उनके आग्रह पर खुद रतन टाटा, सांघी ब्रदर्स के लसूड़िया शोरूम का उद्घाटन करने 25 नवंबर 1996 को आए थे।


विंटेज कारों का उन्हें बेहद शौक था। 1926 की रोल्स रॉयस भी उनके कलेक्शन में है। देश में कहीं भी विंटेज कार की जानकारी उन्हें मिलती तो वे उसे खरीदने के प्रयास शुरू कर देते थे। काम करने का उनका जज्बा ऐसा था कि 14 फरवरी को अस्पताल में भर्ती होने से कुछ दिन पहले भी वे ऑफिस आए थे। बीमार होने के बाद भी वे व्हीलचेयर पर ऑफिस आते और शाम पांच से आठ बजे तक काम करते थे। अपने हर कर्मचारी को वे नाम से जानते यहां तक कि उनके बच्चों की खैर-खबर भी उनके पास होती थी। सांघी ट्रस्ट के माध्यम से वे गरीबों के लिए स्वास्थ और शिक्षा के काम करते थे। एमपी फ्लाइंग क्लब, कैंसर फाउंडेशन और अभिनव कला समाज से भी वे जुड़े थे।